Gulzar Shayari:
नमस्कार दोस्तों आप सभी का एक बार फिर से Kuch Khas Tech में स्वागत है. जैसे की आपको मालूम ही है की आज भी शायरी हमारे देश में जिन्दा है. और इस शायरी को जिन शायरों ने आज भी जिन्दा रखा है उनके बारे में भी आप जानते ही है. उन्हीं में से एक है गुलज़ार जिनकी शायरी आज भी दिल छू लेती है. तो आज हम आपके सामने ऐसी ही कुछ Gulzar Shayari पेश करने जा रहे है जो की आपका भी मन मोह लेगी. वैसे तो आप यहाँ आये ही गुलज़ार शायरी पढ़ने होंगे, और भला आये भी क्यों न गुलज़ार के जैसा कोई दूसरा है ही नहीं। जिन्होंने अपनी जिंदगी में इतनी शायरियां लिख डाली हो. तो आज हम आपके सामने जो Collection पेश करने वाले है वो भी शायर गुलज़ार के द्वारा ही लिखी गयी है.
जिंदगी में इंसान कैसा भी हो उसे शायरी सुनना पसंद ही होता है. फिर चाहे उन्हें खुद को शायरी करना अच्छे से आता हो या फिर नहीं. पर फिर जब किसी बड़े शायर की शायरी हम लोग सुनते है तो दिल को ऐसी तसल्ली मिलती मिलती है जिसका कोई हिसाब ही नहीं होता है. जब भी बड़ा शायर कोई लिखता है तो दुनिया से Inspire हो कर ही लिखता है. और जब कोई उनकी इस शायरी को पढ़ता है तो तो ऐसा लगता है की जैसे शायर ने specially उन्ही के लिए लिखी हो. और कभी कभी तो ऐसा लगता है जैसे शायर ने अपना दिल निकाल के ही रख दिया है. तो दोस्तों ऐसे शायर है गुलज़ार। तो आज आपके सामने पेश है Gulzar Shayari आशा करता हु की आपको ये पसंद आएगी.
Gulzar Shayari In Hindi :
दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला है
किसी की आहट सुनता हूँ वीराने में
किसी की आहट सुनता हूँ वीराने में
मैं कभी सिगरेट पीता नहीं लेकिन
हर आने जाने वाले से पूछ लेता हूँ
माचिस है????
बहुत सी चीजें हैं जिंदगी में जिन्हें
फूंक देता हूँ
हर आने जाने वाले से पूछ लेता हूँ
माचिस है????
बहुत सी चीजें हैं जिंदगी में जिन्हें
फूंक देता हूँ
कौन कहता है
हम झूट नहीं बोलते
एक बार खैरियत
पूछ कर तो देखिये
हम झूट नहीं बोलते
एक बार खैरियत
पूछ कर तो देखिये
आज की रात यूँ थमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है
सेहमा सेहमा डरा सा रहता है
जानें क्यों जी भरा सा रहता है
जानें क्यों जी भरा सा रहता है
रात को उठ ना सका
दरवाज़े की दस्तख़ पे
सुबह बहुत रोया......
तेरे पैरों के निशां देखकर
दरवाज़े की दस्तख़ पे
सुबह बहुत रोया......
तेरे पैरों के निशां देखकर
इच्छाएं बड़ी बेवफा होती हैं
कम्बख्त पूरी होते ही
बदल जाती हैं..!!
कम्बख्त पूरी होते ही
बदल जाती हैं..!!
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए हैं
फिर भी आँखों में चेहरा तुम्हारा समाये हुए हैं
किताबों पर धुल जमने से कहानी कहाँ बदलती है
फिर भी आँखों में चेहरा तुम्हारा समाये हुए हैं
किताबों पर धुल जमने से कहानी कहाँ बदलती है
चाहे तो आसमान पलट सकती है हवा
पना पलट सकेगी क्या मेरी किताब का ..??
पना पलट सकेगी क्या मेरी किताब का ..??
रिश्ते बस रिश्ते होते हैं
कुछ एक पल के
कुछ दो पल के
कुछ एक पल के
कुछ दो पल के
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
इस कदर टूटे हो बिखर क्यों नहीं जाते...?
कब तक जिओगे ये दर्द भरी जिंदगी
किसी रात ख़ामोशी से मर क्यों नहीं जाते....!!
इस कदर टूटे हो बिखर क्यों नहीं जाते...?
कब तक जिओगे ये दर्द भरी जिंदगी
किसी रात ख़ामोशी से मर क्यों नहीं जाते....!!
गजब है इश्क़ - ऐ - दस्तूर
साथ थे तो एक लफ़्ज़ ना निकला
लवों से मेरे
दूर क्या हुए कलम ने
कहर मचा रखा है
साथ थे तो एक लफ़्ज़ ना निकला
लवों से मेरे
दूर क्या हुए कलम ने
कहर मचा रखा है
Gulzar Shayari:
मुश्किल है आकाश में चलना
तारे पैरों पे चुभते हैं
तारे पैरों पे चुभते हैं
जबसे तुम्हारे नाम की मिश्री होंठों से लगायी है
मीठा सा गम है और मीठी सी तन्हाई है
मीठा सा गम है और मीठी सी तन्हाई है
शायर बनना बहुत आसान है
बस एक महोब्बत की मुकममल डिग्री चाहिए
बस एक महोब्बत की मुकममल डिग्री चाहिए
मेरी लिखी बात को हर कोई समझ नहीं पाता
क्योंकि...??? में अहसास लिखता हूँ
और लोग अल्फाज पढ़ते हैं
क्योंकि...??? में अहसास लिखता हूँ
और लोग अल्फाज पढ़ते हैं
कोई रिश्ता नहीं रहा फिर भी
एक तस्लीम लाजमी है
एक तस्लीम लाजमी है
जिनमें जान थी
उन सबका देहांत हुआ
जो चीजें बेजान थी
अबतक जिन्दा हैं
उन सबका देहांत हुआ
जो चीजें बेजान थी
अबतक जिन्दा हैं
जानें कब गुम हुआ, कहाँ खोया
एक आँसूं छुपा के रखा था
एक आँसूं छुपा के रखा था
जिंदगी सस्ती है साहब
जीने के तरीके महंगे
जीने के तरीके महंगे
चांदी उगने लगी है बालों पे
उम्र तुमपर हसीं लगती है
उम्र तुमपर हसीं लगती है
चन्दन के बदन में खुशबू है
लेकिन चन्दन पर फूल नहीं आते
लेकिन चन्दन पर फूल नहीं आते
सिर्फ अहसास है यह रूह से
महसूस करो प्यार को प्यार ही रहने दो
कोई नाम ना दो
महसूस करो प्यार को प्यार ही रहने दो
कोई नाम ना दो
बहुत अंदर तक जला देती हैं वो शिकायतें
जो बयां नहीं होती
जो बयां नहीं होती
पनाह मिल जाए रूह को
जिसका हाथ छूकर ,
उसी की हथेली पर घर बना लो
जिसका हाथ छूकर ,
उसी की हथेली पर घर बना लो
ख्वाइशें तो आज भी
बगावत करना चाहती हैं
मगर सीख लिया है मैनें
हर बात को सीने में दफ़न करना
बगावत करना चाहती हैं
मगर सीख लिया है मैनें
हर बात को सीने में दफ़न करना
कब आ रहे हो
मुलाक़ात के लिए ,
मैंनें चाँद रोका है
बस एक रात के लिए.
मुलाक़ात के लिए ,
मैंनें चाँद रोका है
बस एक रात के लिए.
दुआ अगर काम ना आये
तो नजर भी "उतारती" है
यह "मां" है साहब
हार कहाँ मानती है ...!!!
तो नजर भी "उतारती" है
यह "मां" है साहब
हार कहाँ मानती है ...!!!
एक कवी यूँ भस्म हुआ
एक सो दर्द जले जब दिल में
एक नज्म का जन्म हुआ
एक सो दर्द जले जब दिल में
एक नज्म का जन्म हुआ
जो सोचा है वह झूठ नहीं
महसूस किया जो पाप नहीं
हम रूह की आग में जलते हैं
यह जिस्म का झूठा पाप नहीं
महसूस किया जो पाप नहीं
हम रूह की आग में जलते हैं
यह जिस्म का झूठा पाप नहीं
ख्वाइशें तो आज भी बगावत करना चाहती हैं
मगर सीख लिए है मैनें
हर बात को सीने में दफ़न करना
मगर सीख लिए है मैनें
हर बात को सीने में दफ़न करना
गुलाम थे तो हम सब हिन्दोस्तानी थे
आजादी ने हमें
हिन्दू मुस्लिम बना दिया
आजादी ने हमें
हिन्दू मुस्लिम बना दिया
तारीफ़ अपने आप की करना फिजूल है
खुशबू खुद बता देती है
कौन सा ......फूल है
खुशबू खुद बता देती है
कौन सा ......फूल है
मिलता तो बहुत कुछ है इस जिंदगी में
बस हम गिनती उसी की करते हैं जो
हासिल ना हो सका .......
बस हम गिनती उसी की करते हैं जो
हासिल ना हो सका .......
मेरा क्या था तेरे हिसाब में
मेरा सांस सांस उधार था
जो गुजर गया वो तो वक़्त था
जो बचा रहा वो गुलजार था
मेरा सांस सांस उधार था
जो गुजर गया वो तो वक़्त था
जो बचा रहा वो गुलजार था
बिना नक़्शे के भी पंछी पहुँच जाते हैं
अपने मुकाम तक
एक इंसान ही है जो
दिल से दिल तक पहुँचने में भी
नाकाम रहते हैं
अपने मुकाम तक
एक इंसान ही है जो
दिल से दिल तक पहुँचने में भी
नाकाम रहते हैं
थोड़ा सकून भी तो ढूंढिए जनाब
यह जरूरतें तो कभी ख़त्म ही नहीं होंगी
यह जरूरतें तो कभी ख़त्म ही नहीं होंगी
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे
खुद से मुलाक़ात हो गयी
कुछ भी तो कहा नहीं मगर
जिंदगी से बात हो गयी
खुद से मुलाक़ात हो गयी
कुछ भी तो कहा नहीं मगर
जिंदगी से बात हो गयी
गुजरते दिनों का नहीं बल्कि ......
यादगार लम्हों का नाम है जिंदगी
यादगार लम्हों का नाम है जिंदगी
कुछ जख्मों की कोई उम्र नहीं होती
ताउम्र साथ चलते हैं
जिस्म के खाख होने तक
ताउम्र साथ चलते हैं
जिस्म के खाख होने तक
बैठ जाता हूँ मिट्टी पे अक्सर
क्योंकि मुझे अपनी
औकात अच्छी लगती है
क्योंकि मुझे अपनी
औकात अच्छी लगती है
में तो चाहता हूँ हमेशा
मासूम बने रहना
यह जो जिंदगी है
समझदार किये जाती है
मासूम बने रहना
यह जो जिंदगी है
समझदार किये जाती है
जिंदगी छोटी नहीं होती
लोग जीना ही देर से शुरू करते हैं
लोग जीना ही देर से शुरू करते हैं
जैसे कहीं रखके भूल गए हैं वो
बेफिक्र वक़्त अब मिलता ही नहीं
बेफिक्र वक़्त अब मिलता ही नहीं
उम्मीद भी अजनबी लगती है
और दर्द पराया लगता है
आईने में जिसको देखा था
बिछड़ा हुआ साया लगता है
और दर्द पराया लगता है
आईने में जिसको देखा था
बिछड़ा हुआ साया लगता है
उम्र जाया कर दी लोगों ने
औरों के वजूद में नुक्स निकालते निकालते
इतना ही खुद को तराशा होता तो
फ़रिश्ते बन जाते
औरों के वजूद में नुक्स निकालते निकालते
इतना ही खुद को तराशा होता तो
फ़रिश्ते बन जाते
जब गिला शिकवा अपनों से हो तो
खामोशी ही भली
अब हर बात पे जंग हो
यह जरूरी तो नहीं
खामोशी ही भली
अब हर बात पे जंग हो
यह जरूरी तो नहीं
यूँ तो जिंदगी
तेरे सफर से शिकायतें बहुत थी
मगर दर्द जब दर्ज कराने पहंचे
तो कतारें बहुत ही
तेरे सफर से शिकायतें बहुत थी
मगर दर्द जब दर्ज कराने पहंचे
तो कतारें बहुत ही
कुछ रिश्तों में
मुनाफा नहीं होता
पर जिंदगी को
अमीर बना देते हैं
मुनाफा नहीं होता
पर जिंदगी को
अमीर बना देते हैं
नाराज हमेशा खुशियां ही होती हैं
ग़मों के इतने नखरे नहीं होते
ग़मों के इतने नखरे नहीं होते
तुमको बेहतर बनाने की कोशिश में
तुझे ही वक़्त नहीं दे पा रहे हम
माफ़ करना ऐ जिंदगी
तुझे ही नहीं जी पा रहे हम
तुझे ही वक़्त नहीं दे पा रहे हम
माफ़ करना ऐ जिंदगी
तुझे ही नहीं जी पा रहे हम
में दिया हूँ
मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से है
हवा तो वेवजह ही
मेरे खिलाफ है
मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से है
हवा तो वेवजह ही
मेरे खिलाफ है
फैसला नहीं हो पा रहा ..
तनहा रात है ......
या में ...!!!!!
तनहा रात है ......
या में ...!!!!!
एक परवाह ही बताती है कि
ख्याल कितना है
वार्ना कोई तराजू नहीं होता
रिश्तों को नापने का
ख्याल कितना है
वार्ना कोई तराजू नहीं होता
रिश्तों को नापने का
लगता है आज जिंदगी
कुछ खफ़ा है
चलिए छोड़िये
कौन सी पहली दफा है
कुछ खफ़ा है
चलिए छोड़िये
कौन सी पहली दफा है
बहुत मुश्किल से करता हूँ
तेरी यादों का कारोबार
मुनाफा कम है
पर गुज़ारा हो ही जाता है
तेरी यादों का कारोबार
मुनाफा कम है
पर गुज़ारा हो ही जाता है
थम के रह जाती है जिंदगी
जब जम कर बरसती हैं
पुरानी यादें
जब जम कर बरसती हैं
पुरानी यादें
चूम लेता हूँ हर मुश्किलों को
में अपना मानकर
जिंदगी कैसी भी है
आखिर है तो मेरी
में अपना मानकर
जिंदगी कैसी भी है
आखिर है तो मेरी
उम्मीद भी अजनबी लगती है
और दर्द पराया लगता है
आईने में जिसको देखा था
बिछड़ा हुआ साया लगता है
और दर्द पराया लगता है
आईने में जिसको देखा था
बिछड़ा हुआ साया लगता है
ए-उम्र ........
अगर दम है तो कर दे इतनी सी खता ,
बचपन तो छीन लिया ,
बचपना छीन कर बता ,
अगर दम है तो कर दे इतनी सी खता ,
बचपन तो छीन लिया ,
बचपना छीन कर बता ,
देखकर दर्द किसी और का
जो आह दिल से निकल जाती है
बस इतनी सी बात तो आदमी से इंसान बनाती है
जो आह दिल से निकल जाती है
बस इतनी सी बात तो आदमी से इंसान बनाती है
मुख़्तसर सा गरूर भी जरूरी है
जीने के लिए
ज्यादा झुक कर मिलो
तो दुनिया पीठ को पायदान बना लेती है
जीने के लिए
ज्यादा झुक कर मिलो
तो दुनिया पीठ को पायदान बना लेती है
मेरी कोई खता तो साबित कर
जो बुरा हूँ तो बुरा साबित कर
तुम्हें चाहा है कितना तू क्या जानें
चल में बेवफा ही सही
तू अपनी वफ़ा साबित कर
जो बुरा हूँ तो बुरा साबित कर
तुम्हें चाहा है कितना तू क्या जानें
चल में बेवफा ही सही
तू अपनी वफ़ा साबित कर
कभी तो चौंक के देखे
कोई हमारी तरफ
किसी की आँख में
हमको भी इंतज़ार दिखे
कोई हमारी तरफ
किसी की आँख में
हमको भी इंतज़ार दिखे
बिखेरे बैठा हूँ कमरे में सबकुछ
कहीं एक ख़्वाब रखा था
वो भी ग़ुम हो गया
कहीं एक ख़्वाब रखा था
वो भी ग़ुम हो गया
"ऐब" भी बहुत हैं मुझमें
और खूबियां भी
ढूंढने वाले तू सोच
तुझें चाहिए क्या मुझमें
और खूबियां भी
ढूंढने वाले तू सोच
तुझें चाहिए क्या मुझमें
काश नासमझी में ही बीत जाए यह जिंदगी
समझदारी ने तो बहुत कुछ छीन लिया
समझदारी ने तो बहुत कुछ छीन लिया
इतना क्यों सिखाये जा रही हो जिंदगी
हमें कौन सी सदियां बितानी हैं यहाँ
हमें कौन सी सदियां बितानी हैं यहाँ
फुर्सत मिले तो
उनका हाल भी पूछ लिया करो
जिनके सीने में
दिल की जगह तुम धड़कते हो
उनका हाल भी पूछ लिया करो
जिनके सीने में
दिल की जगह तुम धड़कते हो
होंठ पे लिए कुछ दिल की बात हम
जागते रहेंगे और कितनी रात हम
मुख़्तसर सी बात है "तुमसे प्यार है"
तुम्हारा इंतज़ार है .........
जागते रहेंगे और कितनी रात हम
मुख़्तसर सी बात है "तुमसे प्यार है"
तुम्हारा इंतज़ार है .........
रहे नहीं कुछ मलाल बड़ी शिद्दत से कीजिये
नफरत भी कीजिये तो महोबत से कीजिये
नफरत भी कीजिये तो महोबत से कीजिये
सोचता था दर्द की दौलत से
एक में ही मालामाल हूँ ....
देखा जब गौर से ......हर कोई रईस है
एक में ही मालामाल हूँ ....
देखा जब गौर से ......हर कोई रईस है
अब खेर तो नहीं
कोई बैर तो नहीं
दुश्मन जिए मेरा
वो भी गैर तो नहीं
कोई बैर तो नहीं
दुश्मन जिए मेरा
वो भी गैर तो नहीं
दोस्तों के नाम का खत्त
जेब में रखकर क्या चला ..... ??
करीब से गुजरने वाले पूछते हैं
इत्र का नाम क्या है..????
जेब में रखकर क्या चला ..... ??
करीब से गुजरने वाले पूछते हैं
इत्र का नाम क्या है..????
सुना है काफी पढ़ लिख गए हो तुम
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते
"नजर", "नमाज", "नजरिया"
सब कुछ बदल गया
एक रोज "इश्क़" हुआ
और मेरा "खुदा" बदल गया
सब कुछ बदल गया
एक रोज "इश्क़" हुआ
और मेरा "खुदा" बदल गया
जिंदगी यह तेरी खरोंचें हैं मुझपर या
फिर तू मुझे तराशने की कोशिश में है
फिर तू मुझे तराशने की कोशिश में है
तेरे उतारे हुए दिन पहन के
अब भी में तेरी महक में
कई रोज काट देता हूँ
अब भी में तेरी महक में
कई रोज काट देता हूँ
चुपचाप बैठे हैं आज सपने मेरे
लगता है आज हक़ीक़त ने
सबक सिखाया है
लगता है आज हक़ीक़त ने
सबक सिखाया है
अपने अंदर के बच्चे को
हमेशा जिन्दा रखिये साहब
ज्यादा समझदारी भी जिंदगी को बेरंग कर देती है
हमेशा जिन्दा रखिये साहब
ज्यादा समझदारी भी जिंदगी को बेरंग कर देती है
थोड़ा सकून भी ढूंढिए जनाब
ये जरूरतें तो कभी ख़त्म नहीं होंगी
ये जरूरतें तो कभी ख़त्म नहीं होंगी
तोड़ कर जोड़ लो
चाहे हर चीज दुनिया की
सबकुछ काबिल-ऐ-मरमत है
ऐतबार के सिवा
चाहे हर चीज दुनिया की
सबकुछ काबिल-ऐ-मरमत है
ऐतबार के सिवा
उठाये फिरते थे अहसास जिनका सीने पर
ले तेरे क़दमों में यह कर्ज भी उतार चले
ले तेरे क़दमों में यह कर्ज भी उतार चले
तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा तो नहीं
तेरे बिना जिंदगी भी लेकिन, जिंदगी तो नहीं
तेरे बिना जिंदगी भी लेकिन, जिंदगी तो नहीं
उड़ के जाते पंछी ने बस इतना ही देखा
देर तक हाथ हिलाती रही वो
साख फिजा में,
अलविदा कहने को, या पास बुलाने को
देर तक हाथ हिलाती रही वो
साख फिजा में,
अलविदा कहने को, या पास बुलाने को
हाथ छुए भी तो
रिश्ते नहीं छोड़ा करते
रिश्ते नहीं छोड़ा करते
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है
एक छोटा सा लम्हा है
जो ख़त्म नहीं होता
में लाख जलता हूँ
मगर ये भस्म नहीं होता
जो ख़त्म नहीं होता
में लाख जलता हूँ
मगर ये भस्म नहीं होता
सी लो सांस में, होंठ से चख लो
सेहमा रहता हूँ सागर से
सिर्फ एक बून्द हों आँख में रख लो
सेहमा रहता हूँ सागर से
सिर्फ एक बून्द हों आँख में रख लो
तक़दीर ने यह कहकर
बड़ी तसल्ली दी है मुझे
की वो लोग तेरे काबिल ही नहीं थे
जिन्हें मैनें दूर किया
बड़ी तसल्ली दी है मुझे
की वो लोग तेरे काबिल ही नहीं थे
जिन्हें मैनें दूर किया
किताबों से कभी गुजरो
तो यूँ किरदार मिलते हैं
गए वक़्त की ड्योढ़ी में
खड़े कुछ यार मिलते हैं
तो यूँ किरदार मिलते हैं
गए वक़्त की ड्योढ़ी में
खड़े कुछ यार मिलते हैं
उसने कागज़ की कश्तियाँ
पानी में उतारी
और यह कह कर बहा दी की
समुन्दर में मिलेंगी
पानी में उतारी
और यह कह कर बहा दी की
समुन्दर में मिलेंगी
क्या जरूरी है
हर महोब्बत मुक्कमल हो
कुछ सफर
मजिल से भी खूबसूरत होते हैं
हर महोब्बत मुक्कमल हो
कुछ सफर
मजिल से भी खूबसूरत होते हैं
खुली किताब के सफ़हे उलटते रहते हैं
हवा चले ना चले दिन पलटते रहते हैं
हवा चले ना चले दिन पलटते रहते हैं
महोब्बत के आंसूं हैं
उन्हें आँखों में ही रहने दो
शरीफों के घर के मसले
बाहर नहीं जाते
उन्हें आँखों में ही रहने दो
शरीफों के घर के मसले
बाहर नहीं जाते
बारिश के बाद रात आयना सी थी
एक पैर पानी में पड़ा और चाँद हिल गया
एक पैर पानी में पड़ा और चाँद हिल गया
उठाये फिरते थे अहसान जिनका सीने पर
ले तेरे क़दमों में ये कर्ज भी उतार चले
ले तेरे क़दमों में ये कर्ज भी उतार चले
एक नींद है जो लोगों को रात भर नहीं आती
और एक जमीर है, जो हर वक़्त सोया रहता है
और एक जमीर है, जो हर वक़्त सोया रहता है
ए हवा उनको कर दे खबर मेरी मौत की
और कहेना,के कफ़न की ख्वाहिश में मेरी लाश
उनके आँचल का इंतज़ार करती है
और कहेना,के कफ़न की ख्वाहिश में मेरी लाश
उनके आँचल का इंतज़ार करती है
पलक से पानी गिरा है,
तो उसको गिरने दो
कोई पुरानी तमन्ना,पिंघल रही होगी...!!!
तो उसको गिरने दो
कोई पुरानी तमन्ना,पिंघल रही होगी...!!!
सुनो...जब कभी
देख लुं तुम को
तो मुझे महसूस होता है कि
दुनिया खूबसूरत है
देख लुं तुम को
तो मुझे महसूस होता है कि
दुनिया खूबसूरत है
तेरी यादों के जो आखिरी थे निशान,
दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे.
ख़त लिखे थे जो तुमने कभी प्यार में,
उसको पढते रहे और जलाते रहे
दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे.
ख़त लिखे थे जो तुमने कभी प्यार में,
उसको पढते रहे और जलाते रहे
आप के बाद हर घड़ी हमने
आप के साथ ही गुज़ारी है
आप के साथ ही गुज़ारी है
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक्त की शाख से लम्हे नहीं तोड़ा करते
वक्त की शाख से लम्हे नहीं तोड़ा करते
तुझे पहचानूंगा कैसे?
तुझे देखा ही नहीं
ढूँढा करता हूं तुम्हें
अपने चेहरे में ही कहीं
तुझे देखा ही नहीं
ढूँढा करता हूं तुम्हें
अपने चेहरे में ही कहीं
सुनो….ज़रा
रास्ता तो बताना.
मोहब्बत के सफ़र से,
वापसी है मेरी..
रास्ता तो बताना.
मोहब्बत के सफ़र से,
वापसी है मेरी..
आप के बाद हर घड़ी हमने आप के साथ ही गुज़ारी है.
रात को दे दो चाँदनी की रिदा, दिन की चादर अभी उतारी है.
शाख़ पर कोई क़हक़हा तो खिले कैसी चुप सी चमन में तारी है.
कल का हर वाक़िआ' तुम्हारा था, आज की दास्ताँ हमारी है.
रात को दे दो चाँदनी की रिदा, दिन की चादर अभी उतारी है.
शाख़ पर कोई क़हक़हा तो खिले कैसी चुप सी चमन में तारी है.
कल का हर वाक़िआ' तुम्हारा था, आज की दास्ताँ हमारी है.
किताबें झाँकती हैं बंद आलमारी के शीशों से
बड़ी हसरत से तकती हैं
महीनों अब मुलाकातें नहीं होती
बड़ी हसरत से तकती हैं
महीनों अब मुलाकातें नहीं होती
साथ साथ घूमते हैं
हम दोनों रात भर
लोग मुझे आवारा और उसे
चाँद कहते हैं
हम दोनों रात भर
लोग मुझे आवारा और उसे
चाँद कहते हैं
आदमी बुलबुला है पानी का
और पानी की बहती सतह पर
टूटता भी है, डूबता भी है
फिर उभरता है और फिरसे बहता है
और पानी की बहती सतह पर
टूटता भी है, डूबता भी है
फिर उभरता है और फिरसे बहता है
जिंदगी तुझको भुलाया है बहुत दिन हम ने
वक़्त ख़्वाबों में गवाया है
बहुत दिन हम ने
वक़्त ख़्वाबों में गवाया है
बहुत दिन हम ने
फुरसत मिले तो उनका हाल भी पूछ लिया करो
जिनके सीने में दिल की जगह तुम धड़कते हो
जिनके सीने में दिल की जगह तुम धड़कते हो
भरी रहती है अंदर से कलम
मुंह को बंद रखती है
मगर सब बोल देती है वो
जब कागज़ को चखती है
मुंह को बंद रखती है
मगर सब बोल देती है वो
जब कागज़ को चखती है
तकलीफ खुद ही कम हो गयी
जब अपनों से उम्मीद कम हो गयी
जब अपनों से उम्मीद कम हो गयी
उसका बादा भी अजीब था
कि जिंदगी भर साथ निभाएंगे
मैनें भी नहीं पूछा
महोब्बत के साथ या यादों के साथ
कि जिंदगी भर साथ निभाएंगे
मैनें भी नहीं पूछा
महोब्बत के साथ या यादों के साथ
दुश्मनों से प्यार होता जाएगा
मेरा दावा है साहब
बस दोस्तों को आजमाते जाइये
मेरा दावा है साहब
बस दोस्तों को आजमाते जाइये
शोर की तो उम्र होती है
उदासी सदाबहार है
उदासी सदाबहार है
खत लिखा जो मैनें
इंसानियत के पते पर
डाकिया ही चल बसा
पता ढूंढते ढूंढते
इंसानियत के पते पर
डाकिया ही चल बसा
पता ढूंढते ढूंढते
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर
आदत इसकी भी आदमी सी है
आदत इसकी भी आदमी सी है
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Final Words :
वैसे तो दोस्तों दुनिया में कई शायर है पर जैसे की आप जानते ही है की असली शायर तो वोही होता है जो की अपने दिल को निकाल कर कागज़ पे लिख दे. और जब ऐसे किसी शायर की हम शायरी पढ़ते है तो सच कहता हूँ दोस्तों दिल ही खुस हो जाता है. वैसे तो दुनिया में ऐसे बहुत से शायर आये थे पर दोस्तों उनमे से Mirza Ghalib Shayari जो थी वो सभी से कमाल की थी. जो भी उसे पढ़ता है आज भी मानता है की मिर्ज़ा ग़ालिब से बड़ा आज तक कोई शायर पैदा ही नहीं हुआ. तो ऐसे ही शायर जिनकी शायरी दिल में जा कर लगती है उन्हीं में से एक गुलज़ार भी है Gulzaar Ki Shayari भी सीधा दिल में जा कर लगती है. और जैसे मुझे पसंद है वैसे ही Gulzaar Shayari आपको भी काफी पसंद होगी.तो दोस्तों आपको ये शायरी कितनी पसंद है हमें आप कमेंट कर के जरूर लिखे. और comment कर के ये जरूर बताये की आखिर कोनसी शायरी आपको सबसे ज्यादा पसंद आयी है. यदि कुछ आपको पसंद नहीं भी आया है तो आप हमें कमेंट कर के जरूर बता दे. ताकि हम अगली बार अपनी गलती न दोहराये. और दोस्तों ऐसे ही मनोरंजन से भरे हुए content के लिए आप Kuchkhastech.info पर फिर से जरूर visit करे.